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ग्राम प्रधान, पंचायत सदस्य, बीडीसी और जिला पंचायत सदस्य की सैलरी कितनी होती है? जानिए 2025 के अनुसार सभी पंचायत पदों का वेतन और भत्ते।
📝 ब्लॉग कंटेंट:
भारत में पंचायत चुनाव के बाद चुने गए जनप्रतिनिधियों को सीधा वेतन (Salary) नहीं मिलता, लेकिन उन्हें सरकार द्वारा मानदेय (Honorarium) और भत्ते (Allowance) जरूर दिए जाते हैं।
तो अगर आप जानना चाहते हैं कि ग्राम प्रधान की सैलरी कितनी होती है? या BDC और जिला पंचायत सदस्य को क्या मिलता है? — तो यह ब्लॉग आपके लिए है।
📊 पंचायत पदों की सैलरी / मानदेय 2025 (उत्तर प्रदेश / उत्तराखंड के अनुसार)
पद का नाम | मासिक मानदेय (₹) | यात्रा/अन्य भत्ता (₹) |
---|---|---|
ग्राम प्रधान (Pradhan) | ₹3,500 – ₹4,000 | ₹1,000 – ₹1,500 |
ग्राम पंचायत सदस्य | ₹500 – ₹1,000 | ₹500 – ₹800 |
बीडीसी सदस्य (Kshetra Panchayat) | ₹1,500 – ₹2,000 | ₹1,000 – ₹1,200 |
बीडीसी चेयरमैन (Block Pramukh) | ₹10,000 – ₹12,000 | ₹3,000 – ₹4,000 |
जिला पंचायत सदस्य | ₹2,500 – ₹5,000 | ₹2,000 – ₹3,000 |
जिला पंचायत अध्यक्ष | ₹12,000 – ₹15,000 | ₹4,000 – ₹5,000 |
📌 नोट: ये दरें राज्य सरकार के बजट और पंचायत एक्ट के अनुसार समय-समय पर बदलती रहती हैं।
✅ ग्राम प्रधान को क्या-क्या सुविधा मिलती है?
- मानदेय: हर महीने ₹3500–₹4000 तक (UP/UK में अलग-अलग)
- बैठक के भत्ते: हर ग्राम सभा में भाग लेने पर ₹150–₹300
- यात्रा भत्ता: ₹1000–₹1500 तक (फील्ड विज़िट के लिए)
- मोबाइल रिचार्ज/नेट सुविधा: कुछ राज्यों में ₹200–₹300 की व्यवस्था
- पेंशन की पात्रता: लगातार दो कार्यकाल पूरे करने के बाद कई राज्यों में
❓ क्या ग्राम प्रधान को सरकारी कर्मचारी माना जाता है?
👉 नहीं, ग्राम प्रधान एक चुना हुआ जनप्रतिनिधि होता है, सरकारी कर्मचारी नहीं।
इसलिए उन्हें सैलरी नहीं बल्कि मानदेय मिलता है।
📌 ग्राम प्रधान और अन्य पदों की तुलना
पद | ज़िम्मेदारी का स्तर | सैलरी रेंज (₹) |
---|---|---|
ग्राम प्रधान | गाँव स्तर | ₹3,500 – ₹4,000 |
बीडीसी सदस्य | ब्लॉक स्तर | ₹1,500 – ₹2,000 |
जिला पंचायत सदस्य | ज़िला स्तर | ₹2,500 – ₹5,000 |
अध्यक्ष (BJP/Zila) | क्षेत्रीय लीडर | ₹10,000+ |
👉 जैसे-जैसे जिम्मेदारी बढ़ती है, मानदेय भी बढ़ता है।
🧾 मानदेय कैसे मिलता है?
- राज्य सरकार द्वारा पंचायत को फंड आवंटित किया जाता है
- पंचायत सचिव के माध्यम से ग्राम प्रधान के बैंक खाते में सीधा ट्रांसफर
- पंचायत विभाग की वेबसाइट पर ट्रैकिंग सुविधा होती है
(जैसे panchayatiraj.up.nic.in, sec.uk.gov.in)
⚖️ भविष्य में प्रस्ताव क्या हैं?
- कई राज्यों में मांग उठी है कि ग्राम प्रधान को ₹10,000 तक मानदेय मिले
- 2024–25 के बजट में कुछ राज्यों ने बढ़ोतरी की घोषणा भी की
- सरकार चाहती है कि पंचायत प्रतिनिधियों को ज़्यादा सशक्त बनाया जाए
📝 निष्कर्ष:
ग्राम प्रधान बनना सिर्फ मानदेय पाने का साधन नहीं, बल्कि सेवा का अवसर है।
चुनाव जीतने के बाद भले सैलरी सीमित हो, लेकिन सम्मान और ज़िम्मेदारी बहुत बड़ी होती है।
गाँव के विकास, योजनाओं के संचालन और नेतृत्व के लिए यह पद बेहद अहम है।